इस राज्य के किसान ने लगा दी धान की खड़ी फसल में आग

महाराष्ट्र राज्य में धान किसान कीटों के प्रकोप से काफी संकट में हैं, इसी समस्या से जूझते हुए के भंडारा जनपद के एक पीड़ित किसान ने अपनी चार एकड़ धान की फसल में आग लगा दी। किसानों को कभी प्राकृतिक आपदा तो कभी बाजार में उचित मूल्य न मिल पाना एवं भुगतान में विलंब जैसी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। फिलहाल कई जनपदों में कोटों के प्रकोप का निरंतर बढ़ना किसानों की समस्या का प्रमुख कारण बन चुका है।



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इन्हीं सब समस्याओं से हताश होकर भंडारा जनपद के किसान ने अपनी ४ एकड़ धान की फसल को आग लगाकर नष्ट कर दिया। क्योंकि असमय मूसलाधार बारिश से किसानों की धान की फसल पहले से ही बहुत प्रभावित हो चुकी थी। बची हुई कसर कीटों ने पूरी करदी, ऐसे में किसानों को निराशा का भाव आना स्वभाविक है। कीटों के प्रकोप के साथ साथ फसलों में बीमारियां भी बढ़ रही हैं। कई जनपदों में इसके प्रकोप से फसलों में काफी नुकसान हो रहा है, भंडारा जनपद के किसान इससे काफी प्रभावित हैं। इसका उदाहरण स्वयं की ४ एकड़ धान की फसल जलाने वाला किसान है।

क्यों जलाई किसान ने धान की खड़ी फसल

महाराष्ट्र जनपद के लखनदुर तालुका निवासी किसान दादाजी ठाकरे ने अपनी चार एकड़ भूमि में धान उत्पादित किया। फसल बुवाई की शुरुआत में अत्यधिक बारिश व बाढ़ के चलते उनको पुनः धान बुवाई करने हेतु लगभग एक लाख का व्यय वहन करना पड़ा। ऊपर से कीटों की मार के कारण फसल काफी हद तक चौपट हो गयी फसल की स्थिति ऐसी हो गयी कि उनको अपनी पूरी ४ एकड़ फसल से १० किलो पैदावार मिलने की भी कोई संभावना नहीं रही। अब ऐसे में किसान दादाजी ठाकरे ने आर्थिक कमजोरी से निराश होकर धान की खड़ी फसल में आग लगादी।



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महाराष्ट्र के बीड जनपद में लीफ-रोलर का कहर

धान के साथ साथ कई सारे जनपदों में अरहर की फसलें भी कीटों से प्रभावित हो रही हैं। जिसने किसानों की काफी चिंता बढ़ादी है, इस सन्दर्भ में किसानों ने बताया है, कि फिलहाल अरहर की फसल पूर्ण रूप से तैयार होने की स्थिति में है। परंतु लीफ-रोलिंग इल्ली नामक कीट का अरहर की फसल पर प्रकोप किसानों की नींद चैन उड़ा रहा है। महाराष्ट्र के किसान पहले बाढ़ फिर कीटों के प्रकोप से काफी प्रभावित हुए हैं। जनपद के किसान कृषि विभाग से निरंतर सहायता की मांग करते रहे हैं, परन्तु उन्हें अभी तक कोई सहायता नहीं प्राप्त हुई है। महाराष्ट्र के किसान इस संकट की घडी में कृषि विभाग के भरोसे ही हैं।